सियासत


चंद लाशों की एक रात हिफाजत कर दी 
उनकी टोपी ने फिर से सियासत कर दी


तेरी ताक़त का भी ज़नाजा देखा हमने
एक बार जो कुदरत ने बगावत कर दी


मेरे आका तेरे गुस्से को समझता हूं मैं
तेरे कानून बदलने की हिमाकत कर दी


तेरे पर्वत, तेेरे जंगल तो बने सबके लिये
कुछ नमूनों ने इसे, खुद की विरासत कर दी


उनकी आदत है दरिया को परेशां करना
फिर ये कहना कि बारिश ने शरारत कर दी