दीप जलाएं


चलो दीप जलायें....
उस प्रलयंकर के चरणों में
जिसके वरदहस्त के नीचे
सदियों से हम सब
पले, बढ़े / परवान चढ़े।
चलो दीप जलायें....
उस पावन केदार पर
जहां हमारे भोले-भाले आस्थावान
शिवभक्तों की
जल समाधि बनी है।
चलो दीप जलायें...
उन परिवारों के द्वारे
जिन्होंने इस त्रासदी में
अपना, अपनों के प्राण
शिव चरणों में
न्यौछावर कर दिये।
चलो दीप जलायें...
उन साहसी 
धर्मप्राण,सेवाव्रति 
प्रहरियों की कब्र पर
जो प्रलय के गर्भ से
बच्चे, बूढ़े, जवानों की
सलामती के लिये
हमेशा की नींद से गये।
चलो दीप जलायें...
शिव प्रकोप से बचें
उन व्रती पहड़ियों के दर पर
जो पानी, ठंड
भूख-प्यास में
अपनी चिन्ता छोड़
अतिथियों की जीवन रक्षा में
दीवार कर तरह खड़े रहे।
चलो साथ ही दर्पण दिखायें
हुकूमत के उन गुनहगारों को
औ' पत्रि केदारभूमि को-
पिकनिक स्पाॅट बनाने वाले
अदूरदर्शी राजनीतिज्ञों को
जिनके स्वार्थ, लालच ने
देवभूमि को
साक्षात श्मशान भूमि में
बदल दिया!
मिलकर दीप जलायें
दीपावली मनायें !!!