अधर गीत,
जब भी जूठे हुए,
आया सैलाब।
पर्यावरण,
कागजी अभियान,
चित्ताकर्षक
आस की सीढ़ी,
दीमकें चर गई
जीवन राख।
सुलग रही,
सरहदों के बीच,
गीली बारुद।
अहिंसा अच्छी,
उसे कायरता में,
मत बदलो।
अधर गीत,
जब भी जूठे हुए,
आया सैलाब।
पर्यावरण,
कागजी अभियान,
चित्ताकर्षक
आस की सीढ़ी,
दीमकें चर गई
जीवन राख।
सुलग रही,
सरहदों के बीच,
गीली बारुद।
अहिंसा अच्छी,
उसे कायरता में,
मत बदलो।