बुद्ध होने का अर्थ
 


 

बुद्ध होने का अर्थ क्या है? कभी विचार करता हूँ कि क्यों एक राजकुमार घर छोड कर चल पडता है, कष्ट सहता है और बुद्ध बन जाता है? क्या बुद्ध से पहले कोई घर त्याग कर नही निकला, क्या किसी को मोक्ष नही मिला था पहले फिर बुद्ध क्यों?

 

विचारणीय यह भी है कि एक राजकुमार महावीर बनता है और उससे पहले भी तीर्थंकर राजकुमार या समृद्ध थे और फिर बुद्ध भी राजकुमार ही थे। मेरी पीडा यह भी है कि कोई समर्पित सन्त बुद्ध क्यों नही बन पाता?। पुनः बुद्ध बनने का अर्थ क्या? हमे लगता है कि बुद्ध होने का मतलब मानवता के लिये स्वयं का समर्पण और अपनी इन्द्रियों पर नियन्त्रण।

 

आज बुद्ध का कौन सा अनुयायी है जो मानवता हित बढ रहा है और जिसने अपनी इन्द्रियों पर नियन्त्रण किया है? काम क्रोध लोभ मद मोह सबको धारण कर कौन सा बुद्धत्व पा रहे हैं? माँस मदिरा और व्यस्न बोद्ध धर्म के अनुयायीयों मे प्रमुखता से व्याप्त है। सब कभी खराब नही होते मगर विचारणीय अवश्य है।

 

तो बुद्ध बनो अवश्य बनो मगर केवल नाम से नही अपितु आचरण से बनो। अगर आप एक प्रतिशत भी बुदैबन गये तो मोक्ष निश्चित मिलेगा।

 

और हाँ बुद्ध को किसी धर्म जाति से मत बाँधो। शायद बुद्ध के तथाकथित अनुयायियों से ज्यादा अन्य लोग बुद्ध का अनुशरण करते हैं। बुद्ध की शिक्षा नीति तथा दर्शन मुझे भी प्रिय है।