पानी का कहर


पानी का कहर, डूब गया शहर।
बीच सड़क के, बहने लगी नहर।
प्यास कण्ठ अटकी, उफनाने लगा जहर।
गजल कैसे कहें , बहकती सी बहर।
जिन्दगी अभी बाकी, मौत जरा ठहर।