खुशहाल किसान


सपनो में आवाज देती है चकबंदी,
खेतों से खूब बतियाती है चकबंदी।


मिल जाए गर सभी के खेत तो,
गांव-गांव खुशहाली लाती चकबंदी।


विदेशों में समृद्ध  हुए सभी किसान,
सब ने मिलकर अपनाईई चकबंदी।


करनी पड़ी फिर सबको मेहनत कम,
तकनीकी ज्ञान से उगाई भरपूर फसल।


खेत उन्होंने आपस में जोड़ लिए,
मिलकर फिर उस में काम किया।


इस लक्ष्य से अनाज उगा इतना के ,
भरे पेट,जेबें भरी उमंगों की सौगात लायी।


सहूलियत बड़ी सपने होने लगे पूरे ,
पूरे देश में हरित खुशहाली आयी।


आओ मिलकर अपनाएं चकबंदी, 
अपने गांव-गांव में लाएं खुशहाली ।


सम्पन्नता घर-भर के लाएगी चकबंदी,
झूमेगा गाएगा तब भारत का हर किसान।