(वक्रतुण्डोपनिषद)
धरागर्भ की महाप्रसूति यह
अदृश्य-दृश्य के जीवन चक्र
प्राणोत्सर्गों के लौ-उत्सव
जीव रहस्य यह कठिन वक्र
अभियन्ता उस महानिर्माण की
वर्धमान, अंकुर विन्यास
परासृजन की धुर-प्रयोजक
करती जीवन शिलान्यास
उठा सूंड में महाउदधि ही
धराकाश रोमांच भरा
सात रंग का इन्द्रधनुष है
जल बूंदों के नृत्य परा