नव वर्ष नव हर्ष


हां उल्लास, नये साल का
जमकर खूब मनाएं हम
पर पहले, पसरा अन्धियारा
मिलकर दूर, भगाएं हम।
सूरज से लंे, नयी रोशनी
ये काली रात, मिटाएं हम
नया सवेरा, नया दिन हो
रोज दिवाली, मनाएं हम।
हां उल्लास, नये साल का
जमकर खूब, मनाएं हम


जो बेबस, लाचार बने हैं
अब तक जिनके, जख्म हरे हैं
उनके घाव, भर पाएं हम।
काश ऐसा, कर पाएं हम
थोड़ी आस, जगाएं हम।
हां उल्लास, नये साल का
जमकर खूब, मनाएं हम


ना कोई लंगड़ी, 
ना कोई धक्का
कोई काम ना, आली-जाली हो
सभी हाथ को, पगार मिले
न पेट किसी, का खाली हो
नव संकल्प हांे, 
नये साल में
नयी मंन्जिलें, पाएं हम
हर ओंठो पे, खुशहाली हो
ऐसा पर्व, मनाएं हम
हां उल्लास, 
नये साल का
जमकर खूब मनाएं हम
पर पहले, पसरा अन्धियारा
मिलकर दूर, भगाएं हम।