सरस्वती वंदना


तेरू ही शुभाशीष च हे 
जो कुछ बि पायि मिन
माता सरस्वती हे माँ, 
माता सरस्वती हे माँ! 
माता भगवती हे माँ ..
गीत, शब्द, लय, ताल, 
छन्द त्वेसे ही औंदन
मिठ्ठी वाणी, मिठ्ठा बोल 
कण्ठ त्वेसे ही औंदन 
मेरा कण्ठ कलम मा वास हो, कण्ठ कलम मा वास हो 
माता सरस्वती हे माँ..तेरू ही शुभाशीष च हे..


मि निराट अग्यानी छौ ,खोटु छौ मि भारी माँ
कुपथ बटि सुबाटोम् त्वेन ही मी राखी माँ 
सत का बाटों हिटदी रौं, सच सदानि लिखदी रौं
माता सरस्वती हे माँ....
तेरू ही शुभाशीष च हे। जो कुछ बि पायि मिन