शुल्क मुक्ति पर राजनीति क्यों-

वैश्विक संक्रमण के कारण केन्द्र अथवा राज्यों सरकारों द्वारा जानमाल के बचाव के लिए लगातार किये जा रहे लाक डाउन के कारण सम्पूर्ण देश के सभी प्रकार के शिक्षण संस्थान बंद हैं-?

लाक डाउन से हो रहे आर्थिक नुकसान के लिए सरकारी स्तर पर ग़रीब,निर्धन, असहाय लोगों की सहायता के लिए सरकारी अथवा सामाजिक स्तर पर भरण पोषण के लिए खाद्य सामग्री के नाम पर प्रयास भी हो रहे हैं। अब ये बात अलग है,कि सरकारी अथवा सामाजिक स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य क्या पात्र व्यक्तियों के हित में हो रहे हैं-?

  सरकारी तंत्र, न्यायपालिका एवं कुछ समाजसेवियों द्वारा लाक डाउन लगते ही निजि विद्यालयों की फीस माफी के लिए एड़ी से चोटी के प्रयास हो रहे हैं। सभी का पूरा जोर है,कि निजि विद्यालयों में लाक डाउन अवधि की फीस मुक्त होनी चाहिए। सरकार में बैठे लोग भी अपने अन्तिम निर्णय तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।और आते दिन शासन स्तर पर शुल्क सम्बन्धी नये नये शासनादेश जारी हो रहे हैं। साथ ही सरकारी जनप्रतिनिधियों द्वारा निजि विद्यालयों के शुल्क पर नये नये बयान जारी हो रहे हैं,जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ हैं। लाक डाउन के चार माह पूर्ण होने को हैं, परन्तु निजि विद्यालयों के शुल्क राज्य में एक राजनैतिक मुद्दा बन कर रह गया है।

 राज्य के अन्दर माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों के अलावा ऐसे भारी मात्रा में उच्च शिक्षा संस्थान एवं अनेकों व्यवसायिक शिक्षा संस्थान भी हैं, जहां सैमेस्टर सिस्टम के आधार पर आनलाइन शुल्क जमा होता है। लाक डाउन में ऐसे सभी उच्च शिक्षा संस्थान एवं व्यवसायिक शिक्षा संस्थान भी बंद हैं, जहां माह जनवरी में सैमेस्टर फीस आनलाइन जमा हुई थी। और आजकल भी उचित संचार संवाद माध्यमों से अग्रेत्तर शुल्क जमा करने हेतु प्रतिभागी को सूचनाएं प्राप्त हो रही है। क्या ऐसे उच्च शिक्षा संस्थान एवं व्यवसायिक शिक्षा संस्थान द्वारा पूर्व में लिए गये शुल्क अथवा अग्रेत्तर आनलाइन लिये जा रहे शुल्क पर क्या सरकार द्वारा विचार नहीं होना चाहिए।

 लाक डाउन में सभी प्रकार के शिक्षार्थी शिक्षा से वंचित हैं,पर लाक डाउन अवधि में शुल्क मुक्ति पर राज्य के निजि माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में ही क्यों-?

इसका सीधा अर्थ है,कि अधिकांश उच्च शिक्षा संस्थान एवं व्यवसायिक शिक्षा संस्थान राज्य स्तरीय एवं केन्द्र स्तरीय बड़े बड़े राजनीतिक ओहदे वाले विप्र जनों के हैं, जहां लाक डाउन से पूर्व एवं लाक डाउन समयावधि का आनलाइन सिस्टम के तहत शुल्क लिया जा रहा है। उच्च शिक्षा संस्थान एवं व्यवसायिक शिक्षा संस्थानों में लाक डाउन में भी पूरा काम हो रहा है, अगर नाहक राजनीति हो रही है,तो केवल और केवल निजि शिक्षा संस्थानों में-?