*चैत्र* महीना पहले आता,
नव वर्ष प्रारंभ करवाता।✨
फिर *बैशाख* बसंत कहाया,
किसानों ने खलियान सजाया l 🌾
गर्म है *जेष्ठ* का महीना ,
लू चलती बहे पसीना l ☀️
हे *आषाढ़* की गजब कहानी ,
गरजे बादल बरसे पानी।🌧️
*श्रावण* की तो शोभा न्यारी ,
चारों और बिछी हरियाली l 🌿
*भाद्रपद* मूसलाधार बहाता ,
खेतों में पतवार उगाता l☔
*अश्विन* में मच्छर गाते ,
घर-घर बीमारी फैलाते l🦟
*कार्तिक* की तो बात निराली ,
दीप जले मनाएं दिवाली l 🪔
नौवां महीना *मार्गशीर्ष* आता,
धीमी धीमी ठंड ले आता l🧣
*पौष* महीना ठंडा भारी ,
थर्र-थर्र कांपे नर और नारीl ☃️
ठंडी हवा *माघ* में चलती ,
पाला पड़ता खेती जलती l 🪁
*फाल्गुन* सबसे बाद में आता ,
होली का हुल्लड़ दिखलाता l🔥