हिमालय दिवस

 

हिमालय इस बात का सबूत हैं कि प्रहरी जाग रहा हैं हिमालय ऐशियाई देशों के लिए जीवनदायिनी हैं। यह कहना अतिश्योक्ति नही कि भारत,चीन,नेपाल,पाकिस्तान,श्रीलंका,भूटान,म्यांमार जैसे देशों की अर्थव्यवस्था हिमालय पर टिकी हैं। हिमालय का महत्त्व हमारे लिये जीवन से कम नही। हिमालय का सबसे बड़ा महत्व दक्षिणी एशिया के क्षेत्रों के लिये हैं जहाँ की जलवायु के लिये यह एक महत्वपूर्ण नियंत्रक कारक के रूप में कार्य करता है। हिमालय की विशाल पर्वत शृंखलायें साइबेरियाई शीतल वायुराशियों को रोक कर भारतीय उपमहाद्वीप को जाड़ों में आधिक ठण्ढा होने से बचाती हैं।हिमालय पर्वत का महत्व न केवल इसके आसपास के देशों के लिये हैं बल्कि पूरे विश्व के लिये हैं क्योंकि यह ध्रुवीय क्षेत्रों के बाद पृथ्वी पर सबसे बड़ा हिमाच्छादित क्षेत्र है जो विश्व जलवायु को भी प्रभावित करता है। यह हिमखंड अनेकों जीवजंतुओं के लिए पोषकतत्व तैयार करता है। हिमालय अपने अंदर दुर्लभ कहानियों को समेटे रखा हैं। आज हमें हिमालय को बचाने की पहल करनी चाहिए पर सिर्फ पहल भर से काम नही चलेगा।हमें अपने-अपने हिस्से का हिमालय बचाना पड़ेगा काठ की कुर्सी पर बैठ कर हम वन संरक्षण की बात नही कर सकते हैं हमें दृढ़ता से हिमालय के प्रति अपनी सम्बेदना दिखानी होगी हमें हिमायल बचाने के अभियान छेड़ने होंगे। हमें नई पीढ़ी को कागजों से निकाल धरातल पर लेजाना होगा।  हिमालय की तलहटी पर बैठ कर अनियंत्रित ज्ञान देने से हिमालय नही बचेगा इस के लिए व्यापक प्रयास होने चाहिए। 

 

आज हर विद्यालय में हिमालय का महत्व पाठ होना चाहिए जिस से बच्चों का पर्यावरण के प्रति प्रेम बढ़ेगा। हिमायल हमारी अस्मियता का प्रतीक होना चाहिए। हिमायल का महत्व सिर्फ पहाड़ों के लिए ही नही मैदानों के लिए भी जरूरी हैं। मैदानों को सींचने का कार्य सिर्फ हिमालय करता हैं। क्यों कि मैदानों का मौसम हिमालय पर निर्भर करता है। उत्तरी भारत का मैदान या सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान हिमालय से लाये गये जलोढ़ निक्षेपों से निर्मित है। मैदानों में पाया जाने वाला हर खनिज हिमायल के जलप्रपात का डेल्टा हैं। हिमालय पर्वत श्रेणियाँ मानसूनी पवनों के मार्ग में अवरोध उत्पान करके मैदानी क्षेत्र में पर्वतीय वर्षा कराती हैं जिस पर मैदानी  क्षेत्र का पर्यावरण और अर्थव्यवस्था काफ़ी हद तक निर्भर हैं। हिमालय की उपस्थिति ही वह कारण है जिसकी वजह से भारतीय उपमहाद्वीप के उन क्षेत्रों में भी उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु पायी जाती है जो कर्क रेखा के उत्तर में स्थित हैं, अन्यथा इन क्षेत्रों में अक्षांशीय स्थिति के अनुसार समशीतोष्ण कटिबंधीय जलवायु मिलनी चाहिए थी।हिमालय की वर्ष-पर्यंत हिमाच्छादित श्रेणियाँ और इनके हिमनद सदावाहिनी नदियों के स्रोत हैं जिनसे भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश को महत्वपूर्ण जल संसाधन उपलब्ध होते हैं। हिमालय राष्ट्र का सब से मजबूत प्रहरी के रूप में खड़ा है। आज हिमालय को बचाने के हर प्रयास शहरों में हो रहे हैं हिमालय दिवस हो या अन्य कोई त्यौहार उन का हिमालय को कोई न्यौता नही हैं। प्रयासरत संस्थानों ने हिमालय से सरोकार नही रखा वरना आज परिणाम अनुकूल होते। लगातार पिघल रहे ग्लेशियर टूटते हिमखंड हमारे खोखले दावों के गवाह हैं। बुग्यालों का सूखना दर्रों का पिघलना अनियंत्रित जलप्रलय को न्यौता दे रहा हैं हिमालय के लिए किए गए प्रयास धरातल पर मौजूद नही हैं यह इच्छाशक्ति ओर खानापूर्ति को दर्शाती हैं। हम सरकारों का मुहं न ताकें सिर्फ अपने हिस्से का हिमालय बचाने की कोशिश करें। खेती पर ध्यान दें गंदगी न फैलाएं वनों को आग से बचाएं जानवरों का शिकार न करें तो हिमालय बच सकता हैं। यदि यह पहल हम ने नही किया तो कुदरत अपने आप मे सक्ष्म हैं कुदरत को अपना तराजू ठीक करना आता हैं। हम हिमालय के प्रहरी हैं यह हमारा सौभाग्य हैं। हमें हिमालय का दोहन कैसे करना हैं यह हमारी बुद्धिमान। वरना हिमालय हमारे सिर पर जिंदा बम की तरह हैं