!! व्यक्ति की सफलता दृढ़ इच्छाशक्ति,  सकारात्मकता पर निर्भर करती है!!


व्यक्ति की सफलता निश्चित लक्ष्य,कठोर कार्य,इच्छा शक्ति,कार्य के प्रति समर्पण और सकारात्मकता कार्य के इन पांच मापदण्डों से व्यक्ति का जीवन सफल बन सकता है।
कोरोना संक्रमण से उत्पन्न लॉक डाऊन में हमारे आचार्य परिवार ने कार्य के इन पांच मापदण्डों को अपने व्यवहार में उतारा है।.....


लॉकडाउन,आनलाक से उत्पन्न  परिस्थितियों में संक्रमण बचाव में हमें अपना और अपने परिवार का बचाव करते हुए विद्यालय के भैया-बहिनों को अॉनलाइन शैक्षिक नियमित विद्यालयी गतिविधियों एवं वर्तमान समय में  हमारी कक्षा में जो भी संख्या है,उस संख्या पर हमारी बराबर निरन्तर पैनी दृष्टि तथा वर्तमान समय में जो भी शिक्षण से जोड़ने का हमारे पास उचित साधन है,उसके द्वारा उन्हें कैसे जोड़े रखना है,इस पर आज विद्यालय में आचार्यों के मध्य बैठक में माननीय सह प्रदेश निरीक्षक श्रीमान विनोद सिंह रावत जी का  मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
विद्यालय के आचार्यों से वार्ता करते हुए सह प्रदेश निरीक्षक श्री विनोद रावत जी ने कहां कि किसी भी कार्य की सफलता में निश्चित लक्ष्य,कठोर कार्य, इच्छा शक्ति,कार्य के प्रति समर्पण और व्यक्ति की सफलता इन पांच चीजों पर काफी हद तक निर्भर करती हैं।इन पांच चीजों की सफलता से व्यक्ति का जीवन सफल बन सकता है।उन्होंने कहां कि सफलता की ये पांचों चीजें हमें कोरोना संक्रमण से उत्पन्न लॉक डाऊन में हमें अपने व्यवहार में उतारनी होगी।लॉकडाउन और अॉनलाक के समय की चल रही व्यक्तिगत एवं संस्थागत  दिनचर्या तथा इंटरनेट टैकनोलजी की जानकारी प्राप्त की। 
आनलाइन शिक्षण के संदर्भ में आचार्यों से वार्ता करते हुए सह प्रदेश निरीक्षक श्री विनोद रावत ने कहां कि अगर हम किसी विषय शिक्षण की वीडियो बना रहें हैं तो हमें विषय शिक्षण की वीडियो में जो भी शिक्षण सामग्री बनाई है,वह हमारे पास पाठ योजना अभिलेखों के रुप में उपलब्ध भी होनी चाहिए।
आचार्य विकास के लिए उन्होंने कहां कि हमारे स्वयं के विकास के लिए स्वाध्याय जरुरी है,स्वाध्याय द्वारा हमारा स्वयं का विकास तो होता ही है,साथ ही स्वाध्याय व्यक्ति को समाज में योग्य स्थान भी प्रदान करता है। वर्तमान समय में विद्या भारती संगठन का राष्ट्रीय स्तर से संकुल केन्द्र के विद्यालयों तक आचार्यों द्वारा दिये जा रहें आनलाइन शिक्षण,अध्ययनरत भैया-बहिनों की आनलाइन शैक्षिक क्रियाकलाप एवं आनलाइन सांगठनिक गतिविधियों पर केन्द्रित है।
उन्होंने कहां कि हमें ध्यान रखना होगा कि हमारे भैया-बहिन को हमारे द्वारा नियमित दिये जा रहा जो भी शिक्षण कार्य है,उस कार्य से अपने को तनावग्रस्त तो महसूस नहीं कर रहे हैं-? हमारे द्वारा उन्हें नियमित दिये जा रहे गृहकार्य को हमारे भैया-बहिन तनावमुक्त होकर हंसी-खुशी के कर सकें। 



  संस्कृति ज्ञान परियोजना कुरुक्षेत्र की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए सह प्रदेश निरीक्षक श्री विनोद रावत जी ने कहां कि प्रति वर्ष की भांति कक्षा चतुर्थी से द्वादश तक के छात्र-छात्राओं की संस्कृति ज्ञान परीक्षा तथा राष्ट्रीय स्तर पर पन्द्रह सौ शब्दों की निबन्ध प्रतियोगिता में एक विद्यालय ने एक अन्य विद्यालय को जोड़ने में अपनी अनिवार्य रूप से सहभागिता सुनिश्चित करनी है। निबन्ध प्रतियोगिता 16 दिसम्बर को तथा संस्कृति ज्ञान परीक्षा आगामी फरवरी माह में आयोजित होगी सभी विद्यालय अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।
लॉकडाउन के समय की प्रत्येक आचार्य की अॉनलाइन शिक्षण की छात्रों को भेजी गई वीडियो क्लिप देखी एवं आचार्यों द्वारा अॉनलाइन शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रशन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर श्री सुरेंद्र सिंह संकुल प्रमुख रुड़की,श्री वीरपाल सिंह,कमल किशोर डुकलान एवं समस्त आचार्य परिवार  उपस्थित था।