71 हुए मोदी

 

अपने जीवन के 71 वर्ष में पदार्पण कर रहे भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आज लोकप्रियता में भारत ही नहीं बल्कि विश्व के शिखर पर आसीन हैं।...प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आज अपने जीवन के 71वें वर्ष में पदार्पण कर लोकप्रियता के शिखर पर आसीन हैं। पिछले पन्द्रह वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री एवं सात साल से प्रधानमंत्री के  रूप में उनकी अनेकों विशिष्ट उपलब्धियां दर्ज हैं। 

आज मोदी की गणना विश्व के चुनिंदा राष्ट्राध्यक्षों में होती है,इसके पीछे उनके यश,त्याग,तपस्या,संघर्ष,सेवा और समर्पण ही है। शून्य से शिखर तक की उनकी यात्रा में आये अवरोधों ने उन्हें राष्ट्र सेवा के मार्ग से कभी विचलित नहीं किया। वे उन सभी मार्ग के अवरोधों को मील के पत्थरों में बदलते चले गए।इसीलिए देश की जनता ने उन्हेंं सिर आंखों पर बैठाया है। 

वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी समाज के हर तबके की तकलीफों को दूर करने के लिए प्राणपण कटिबद्ध हैं, परंतु कमजोर वर्गों, महिलाओं, किसानों ,युवाओं के प्रति उनकी संवेदनशीलता विशेष रुप से झलकती हैं। मोदी जी के सामाजिक-आर्थिक उन्नयन हेतु अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत ही स्वर्णिम भारत के इतिहास का प्रथम सोपान है। मोदी-1के प्रथम कार्यकाल में लागू की गई जन-धन योजना एक प्रकार से पहला कदम थी। जो गरीब कभी बैंकों के अंदर कदम रखने में भी संकोच करते थे, उन्हेंं जन-धन योजना के तहत बैंकों में खाता खुलवाने का अवसर प्राप्त हुआ। इस योजना ने बिचौलियों की भूमिका पर एक प्रकार पूरी तरह से विराम ही लगा दिया और शत-प्रतिशत राशि हितग्राहियों को मिलने लगी। जन-धन खातों के कारण ही लॉकडाउन के दौरान गरीब तबके को सरकार की सहायता राशि के लिए यहां-वहां भटकने से मुक्ति मिली। गरीब महिलाओं की सुविधा हेतु उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ों की संख्या में नि:शुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। तीन तलाक की सदियों पुरानी कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं के सम्मान और गरिमा को जो ठेस पहुंचती थी, उसे समाप्त करने के लिए सरकार ने तीन तलाक के उन्मूलन हेतु ऐतिहासिक कानून बनाया।

 

कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु जब सरकार ने लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया, तब प्रवासी मजदूरों के सामने जीवन-यापन का भीषण संकट पैदा हो गया था। ऐसे में मोदी सरकार ने एक देश-एक राशन कार्ड की योजना से प्रवासी मजदूरों को काफी सुविधा मिली जिससे देश की किसी भी राशन कि दुकान से प्रवासी जनों को अनाज प्राप्त हुआ,भले ही उनका राशन कार्ड अन्य शहर में बना हो। प्रधानमंत्री ने गरीब सवर्णों के लिए शिक्षा में दस प्रतिशत आरक्षण का जो फैसला किया, वह भी एक ऐसा ऐतिहासिक कदम था। 

 

राष्ट्र की अखंडता, एकता और संप्रभुता की रक्षा भारत के प्रधानमंत्री के नाते मोदी की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है। चुनौती बनने की कोशिश करने वाली अंदरुनी और बाहरी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने में मोदी जी कभी पीछे नहीं रहे। चीनी राष्ट्रपति के भारत प्रवास के दौरान उनके स्वागत-सत्कार में प्रधानमंत्री ने कोई कमी नहीं छोड़ी, परंतु जब चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की संप्रभुता के लिए चुनौती पेश करने की कुचेष्टा की तो प्रधानमंत्री मोदी ने उसे उसी की भाषा में जवाब देने के लिए भारतीय सेना को अनुमति प्रदान करने में तनिक भी देर नहीं लगाई। फ्रांस से यदि राफेल विमानों की पहली खेप भारत पहुंची  है तो उसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को ही जाता है। विवाद का विषय यह नहीं कि चीन की हिमाकत को देखते हुए राफेल विमानों की हमें कितनी आवश्यकता थी। 

 

कोरोना वायरस से उपजे संकट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है।इसे देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरूआत की। इस अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा हुई। प्रधानमंत्री ने लोकल के लिए वोकल का नारा देकर स्वदेशी में आत्मनिर्भरता की एक अनूठी पहल की। राष्ट्रीय मसलों की तरह अंतरराष्ट्रीय मसलों पर भी प्रधानमंत्री मोदी अपनी राय बेबाक तरीके से रखी हैं। 

 

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, दोनों ही मोदी जी के मुरीद हैं। यह मोदी जी की पहल का ही असर था कि संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला आनन-फानन किया। प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा विगत छह वर्षों में विश्व संयंत्र पर जो ऐतिहासिक और साहसिक फैसले हुए,उनका सकारात्मक प्रभाव दिखने भी लगा है।

मोदी की उल्लेखनीय उपलब्धियों की फेहरिस्त लंबी है, परंतु सदियों पुराने अयोध्या विवाद का शांति पूर्ण तरीके से समाधान होना और श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का उनके करकमलों से भूमि पूजन का उल्लेख करना विशेष रूप से आवश्यक है। अब यह तय माना जा सकता है कि उनके वर्तमान कार्यकाल में ही मंदिर का निर्माण पूर्ण होने की संभावनाएं प्रबल हो उठी हैं। 

जन्मदिन के अवसर पर मोदी इसके लिए अग्रिम बधाई के हकदार हैं।