मि अर वो

 

मि नि छौं वू जै तैं तुम सब खुज्याणा छौ

मन्दिर, मस्जिद या गिरजाघर मा 

या फिर हर वीं जगा जख मि कब्बि नि मिलदो

वीं कस्तूरी तरां जैंतैं मिरिग खोजणु रैन्द

पागल सी व्हेकि सर्या बण मा

मि त शून्य छौं , छौं भीतिर तुमारा ही

जरा देखा धौं अगर देखी सक्दो त 

वू आख़ियूँन ज्वा दिखै सकद तुमतैं

तुमर सब भला बुरा कर्म साफ साफ

सैत ह्वे जाला दर्शन मेरा बि

जब शून्य ह्वे जाला तुमारा 

सब अहम अर बहम  

 

मि नि छौं पवित्र पाणि 

गंगा जमुना या कै सरस्वती को बि

जु ध्वे सक्दिन पाप कैका बि

मि त पबित्र पिरेम को वो छोया छछाड़ों छौं

जैका गदना तैरिक तुम अफ्फी तैर सक्दो

ये भवसागर का पार बि 

बिगैर कै भेदभाव का 

ध्वे तपैकि अपडा पबित्र मन तैं 

 

मि क्वी माया कु गीत नि छौं

नि छौं क्वी श्रृंगारै रसदार कविता बि

जै परैं बैख झूमिक नच्दीन

बौल्या बणिक 

अर बजौन्दी खूब ताली

मि त पीड़ा अर ख़ैरि कु

ये पाड को वो लोकगीत छौं 

जैका सार सदानि सर्र कटै जांद

या पाड जन्न जिन्दगी

 

मि रोज सुब्येर सुर्ज काँठीयूँ मा

दप्प चमकुदु दीन द्यब्ता बि नि छौं

जैका सार या सर्या मुंथा 

रगरै कि कन्नी रैन्द जग्वाळ 

नि छौं मि कै  ठौ मा बाळयूँ दिवा बि

मि त घड़ी द्वी घड़ी को वो उदंकार छौं

जु घनघोर अर समसुत रातियूं मा 

पूरी आस अर उम्मीद का दगड़ि 

स्वीली पीड़ान अदबट्टा मा बिबलौंदि

वीं नौनी का एथिर एथिर हिटणु रैन्दू 

जैंका जोग अज्जयूँ बि सैत करडा छन

 

मि नि छौं लोकतंत्र कु प्रमाण 

चुनौ को वू चमकिलु घोषणापत्र बि

जु चुनौ का बाद कख जांद

क्वी नि जणदो क्वी नि पूछदो

मि त लोकतंत्र पर बगत कुबगत

लगदि डाम कु वू कालू निशान छौं

ज्वा हर पाँच साल मा धरै जनदीं

बिचरि गरीब जनता का पैथिर 

कब्बि लोकतंत्र बचाणा नौ पर

कब्बि गरीबी हटाणा  नौ पर

त कब्बि  विकासै नौ पर 

 

मि नि छौं सदानि परिपूर्ण सच्चिदानंदघन 

परब्रह्म पुरुषोत्तम वे परमात्मा की तरां

जैकी जै जैकार चौदीसौं गूँजणी रैन्द

वेदों अर उपनिषदों मा 

मठ मन्दिरों शिवालयों अर घाटों मा

बजणी रैन्द जैका नौ की घण्डुलि 

हर सुख अर दुःख़ै कारिज मा

मि त एक अद्धा अधूरो ,जंगजुंगो 

ठरठरो अर निगुरु मनखि छौं

जैकी गाणि अर काम सदानि

अद्धा अधूरा रै जांदीन

एक लाचार गरीबै भूखै तरां

मि त अफ्फु तैं अफ्फी घोषित करदु

अद्धु अधूरो वे पबित्र पिरेम अर मन्ख्याता बिगैर

ज्वा कखि नि दिखेंदी

अब ईं दुन्या मा 

जैमा हर क्वी ये बहम मा

ये अहम मा अलझ्यूँ छ

कि वो ही च अब बस

 असल परमात्मा !